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बेरोजगार |
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इस गम्भीर समस्या के अनेक कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण:-
(i) यहाँ का युवा सिर्फ रोजगार लेना चाहते और कैसे ले इसके के बारे में सोचते हैं ना कि देना चाहते हैं और कैसे दे के बारे में सोचते है।
(ii) जनसंख्या में निरंतर वृद्धि है। एक तो खुद बेरोजगार हैं इसके बावजूद चार बेरोजगार और पैदा भी कर देते हैं।
(iii) हमारी शिक्षा प्रणाली है। इसका रूप अव्यवहारिक और सैद्धांतिक है जो विद्यार्थियों को किसी प्रकार की जीविका के लिए तैयार करने में सक्षम नहीं है। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए न तो यूजीसी ही ध्यान दे पा रही है और न ही विश्वविद्यालयों का मुख्य प्रशासन इस पर अपनी पकड़ बना पा रहा है, परिणामस्वरूप सारी की सारी घिसी-पिटी शिक्षा कॉलेजों के हवाले कर दी जाती है जिससे ये कॉलेज अपनी मनमानी कर पाठ्यक्रमों को निपटा देते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में राजनीति का भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है। लेकिन भारत की असंवेदनशील राजनीति को आरोप-प्रत्यारोप के अलावा अन्य किसी विषय पर विचार करने का समय ही नहीं है।
(iv) हमारे देश की जनसंख्या में वृद्धि तो हो रही है लेकिन उस गति से औद्योगिकी और राष्ट्रीय आय में वृद्धि नहीं हो रही है।
बेरोजगारी दूर करने के उपाय:
A. बेरोजगारी दूर करने के लघुगामी उपाय के रूप मेंं -
(i) यहाँ के युवाओ को सबसे पहले रोजगार कैसे ले के बारे में सोचना छोड़ कर दुसरो को कैसे रोजगार दे के बारे में सोचना होगा।
(ii) हमें जनसख्या वृद्धि पर अंकुश लगाना पड़ेगा।
(iii) तात्कालिक उपाय के रूप में लोगों को निजी व्यवसायो में लगने के प्रशिक्षण की व्यवस्था करके उन्हे धन उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि नौकरियो की तलाश कम हो सके।
(iv) गांवो में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए कुटीर उद्योग-धंधों को बढ़ावा देना चाहिए। इसके लिए पर्याप्त प्रशिक्षण सुविधाओ की व्यवस्था की जानी चाहिए तथा समय पर कच्चा माल उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
B. बेरोजगारी दूर करने के दीर्घगामी उपाय के रूप में -
(i) हमे अपनी शिक्षा-व्यवस्था में जड़ से चोटी तक परिवर्तन करना पड़ेगा।
(ii) हाई स्कूल तक सामान्य साक्षरता के बाद हमें व्यावसायिक शिक्षा का व्यापक प्रबन्ध करना चाहिए। व्यावसायिक शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि शिक्षा पूरी करने केे बाद नवयुवक रोजगार तलाश करने के बजाय अपन छोटा-मोटा काम शुरू कर सकें।
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Unemployment |
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