होमन्यूज़आरा में आदिवासी लोहार समुदाय ने रेल रोक कर किया जोरदार आंदोलन

आरा में आदिवासी लोहार समुदाय ने रेल रोक कर किया जोरदार आंदोलन

आरा | आज दिनांक 01 सितंबर, 2018 को पूर्व घोषित कार्यक्रम के अन्तर्गत लोहार विकास मंच द्वारा बिहार के लोहार जाति के अनुसुचित जनजाति आरक्षण में LOHARA (लोहारा नही) लोहार लिखा राजपत्र और स्पष्ट नोटीफिकेशन/अधिसुचना जारी करने के लिए केन्द्र सरकार के जनजाति मंत्रालय और कानून मंत्रालय के विरूद्व में आरा रेलवे स्टेशन पर 510 डाउन सवारी गाड़ी को रोककर सरकार के खिलाफ रोषपूर्ण रेल रोको आन्दोलन शुरू किया गया। जिसके तहत पहला चरण आरा स्टेशन पर 10 बजे से प्रदर्शनकारी लोहार और समर्थन एक जुट होकर कर भारत सरकार के आरक्षण निति का विरोध किया। रेल रोको आन्दोलन का नेतृत्व लोहार विकास मंच एवं विश्वकर्मा परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज किशोर शर्मा ने किया और कहा बिहार में 1950 के राजपत्र के द्वारा लोहार को अनुसुचित जनजाति का अरक्षण मिल चुका है मगर भारत सरकार का आधिकारिक कार्य अधिकतर रोमन लिपि में निष्पादित होने के कारण लोहार को रोमन लिपि में LOHARA लिखा गया था और यह लोहार 2006 तक था।। मगर कांग्रेस सरकार के सोची समझी धारणा के कारण LOHARA को देवनागरी लिपि में लोहारा एक जाति बना दिया। जबकि देश में लोहारा कोई जाति नही है। सिर्फ रोमन लिपि में LOHARA लिखाता है।

आरा में आदिवासी लोहार समुदाय रेल रोको आंदोलन
आरा में आदिवासी लोहार समुदाय रेल रोको आंदोलन

वर्तमान बीजेपी सरकार एक्ट 48/2006 में लिखा गया लोहारा का निरसन और संशोधन कर एक्ट 23/2016 से रद्ध कर दिया। जिसका राजपत्र भी कानून मंत्रालय निकाल चुका है। जनजाति मंत्रालय भी इस बात का पुष्टी करता है। जिसके अंर्तगत बिहार सरकार लोहार को अनुसुचित जनजाति का प्रमाण पत्र भी दे रही है। जिसका लाभ भी मिल रहा है। मगर दो वर्ष होने के बाद भी स्पष्ट लोहार लिखा एक्ट 23/2016 के आलोक का राज्यपत्र और अधिसुचना का प्रकाशन नही होने से सेन्ट्रल सर्विस में परेशानी आ रही है। यहाँ तक कि एसएससी सीएचएसएल परीक्षा-2016 में 57 लोहार विद्यार्थियों को सिर्फ जातिय गैरनीतिगत तरीका से छाँट दिया गया है।

आरा में आदिवासी लोहार समुदाय रेल रोको आंदोलन
आरा में आदिवासी लोहार समुदाय रेल रोको आंदोलन

इस मामले को लोहार विकास मंच तीन बार जनजाति मंत्री और कानून मंत्री से मिल चुका है। दिल्ली सत्याग्रह के बाद दर्जनो पत्राचार के बाद भारत सरकार एवं उच्चधीकारियों तक अपनी बात पहुचाने हेतू रेल रोको आन्दोलन का घोषणा किया गया है। जिसका पहला चरण आरा है। दुसरा चरण 30 सितंबर, 2018 को सासाराम में होगा। इसके बाद सम्पूर्ण बिहार में भी होगा।

आरा में आदिवासी लोहार समुदाय रेल रोको आंदोलन
आरा में आदिवासी लोहार समुदाय रेल रोको आंदोलन

आगे श्री शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री से मांग का ज्ञापन यह है कि 2019 चुनाव को ध्यान में रखते हुए लोहार समाज का यह सवैधानिक मांग जल्द स्वीकार करे। वार्ना बिहार के एक एक मंत्रीयो को लोहार समाज हराने का काम करेगा। वक्ताओं में महासचिव परमेश्वर विश्वकर्मा , उपाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, कोषाध्यक्ष श्याम कुमार सिंह (बबलू लोहार), प्रदेश सचिव रामशंकर शर्मा, जिलाध्यक्ष रविन्द्र शर्मा, पृथ्वी शर्मा, अमर विश्वकर्मा और राधेश्याम शर्मा ने कहा 20 वर्षो से शान्ति पूर्ण हम भारत सरकार को लोहार का देवनागरी- रोमन लिपि समझा रहे है। मगर सरकार के हठधर्मी के कारण समझने को तैयार नही। इसलिए लोहार समाज अपना समझाने का तरीका बदल दिया है। करो या मरो कार्यक्रम के अंतर्गत कठोर आन्दोलन होगा और अपना अधिकार लिया जाएगा। इस रेल रोको आन्दोलन में 38 जिलो के छात्र, नवजवान के साथ हजारो संख्या मे लोहार समाज एवं 31 आदिवासी समाज के लोगो ने भाग लिया।

— सतीश कुमार शर्मा

Satish
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सतीश कुमार शर्मा ApnaLohara.Com नेटवर्क के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ हैं। वह एक आदिवासी, भारतीय लोहार, लेखक, ब्लॉगर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
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