Career In Foreign Languages Hindi – विदेश (foreign) में जाने या विदेशी कंपनी (foreign company) में काम करने पर सबसे पहली समस्या संवाद (conversation) यानी कम्युनिकेशन (Communication) की आती है। काम के बीच संबंध स्थापित करने में तथा वहाँ के स्थानीय (Local) लोगों से बातचीत करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
विदेशी भाषा सीखने के फायदे | Career In Foreign Languages Hindi
Benefits of learning foreign languages in Hindi – भाषा (Language) सिर्फ दो लोगों के बीच संवाद (conversation) का माध्यम (Medium) ही नहीं बल्कि सामाजिक (Social) व सांस्कृतिक (Cultural) संबंध मजबूत करने का जरिया भी होता है। खासकर जब बात दो देशों के बीच संवाद स्थापित करने की हो तो उसमें भाषा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस भाषा के चलते व्यापार (business) में चार चांद लगते ही हैं, जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को मजबूत बनाने में भी यह काफी सहायक है। भाषा (Language) के द्वारा ही हम अपने विचारों (Ideas) को व्यक्त करते हैं। अपने समाज (society) की क्षेत्रीय या देश की भाषा को हम बचपन (childhood) से अभ्यस्त (use) हो जाने के कारण अच्छी तरह से समझ व बोल लेते हैं, लेकिन दूसरे देश या समाज (society) की भाषा हमें बिना सीखे अच्छी तरह से नहीं बोल और समझ सकते हैं। कॉरपोरेट जगत (Corporate world) के लिए तो भाषा एक सेतु (Bridge) का काम करती है। विशेषकर जब विदेशी भाषा (foreign language) की बात हो तो इसका महत्व और भी अधिक हो जाता है। आज के समय में कई ऐसे विदेशी भाषा है जिसके सीखने से रोजगार (job) के सुनहरे अवसर सामने आते हैं। वैकल्पिक गतिविधियों के बढ़ते दायरे के चलते देश में मल्टीनेशनल कंपनियां (Multinational companies) तेजी बढ़ रही है। हमारे देश से भी लोग विदेशों में जाकर काम करने की तरजीह दे रहे हैं। इन सब के लिहाज से विदेशी भाषा (Foreign language) का ज्ञान काफी सहायक (Helpful) साबित होता है।
अब तक दूसरी भाषा (Language) सीखने के नाम पर लोगों को अंग्रेजी (English) ही विकल्प (Option) के तौर पर दिखाई देती थी, लेकिन आज के समय में यह दायरा कई भाषाओं तक पहुंच चुका है। फ्रेंच (French), स्पेनिश (spanish), रशियन (Russian), जर्मन (German), जैपनीज (Japnese), चाइनीस (Chinese), पर्शियन (Persian), अरैबिक (Arabic) आदि कई विदेशी भाषाएं हैं जिन्हें सीखने के लिए छात्र उमड़ रहे हैं। अब बड़ी संख्या में विदेशी छात्र (foreign student) भी हिंदी (Hindi) सीखने भारत (India) आ रहे हैं। सही मायने में देखा जाए तो विदेशी भाषा (Foreign language) सीखना भी एक खेल की तरह है, जिसे जितना जल्द शुरू कर दिया जाए उतना ही फायदा (benefit) मिलता है। विदेशी भाषा के जानकार युवा अपने आप को अपडेट (update) तो करते ही हैं, साथ ही वे दो देश के बीच फैली भ्रांतियों को भी दूर करते हैं। विदेशी भाषा का क्रेज ही है कि दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) में 2016 में 39 सीटों के लिए 1.10 लाख से ज्यादा आवेदन आए थे।\
विदेशी भाषा (foreign language) सीखने के इच्छुक (Desirous) लोग वैसे तो कभी भी इसे सीख सकते हैं लेकिन यदि वे किसी प्रतिष्ठित संस्थान (Prestigious institute) से कोर्स (Course) कर इससे बाकायदा एक कैरियर (Career) के रूप में देखना चाहते है तो 12वीं के बाद खुद को आजमा सकते हैं। इसलिए उनकी अंग्रेजी भाषा (English language) पर पकड़ परखी जाती है। आज के समय में कई ऐसे भी कोर्स (Course) है, जिन्हें स्नातक (graduate) के बाद भी किया जाता है। यदि कोई छात्र इस भाषा में पीएचडी (PhD) कोर्स करना चाहते हैं तो वह पारास्नातक (Undergraduate) के बाद इसमें प्रवेश पाते हैं।
विदेशी भाषा पाठ्यक्रम क्या है? | Career In Foreign Languages Hindi
What is foreign language course in hindi – इसमें सर्टिफिकेट (certificate), डिप्लोमा (diploma), पीजी डिप्लोमा (PG Diploma), स्नातक (graduate) से लेकर एमफिल (Mphil- Master of Philosophy) व पीएचडी (PhD – Doctor of Philosophy) तक के कोर्स शामिल है। छात्र अपनी सुविधा के अनुसार किसी एक का चयन (selection) कर सकते हैं। कोर्स द्वारा छात्रों को भाषा की आधारभूत जानकारी (basic knowledge) से लेकर अनुवाद (translation), वाक्यों के प्रयोग (Use of sentences) और बारीकियां सिखाई जाती है जिसमें फुलटाइम (full time) के साथ-साथ पार्ट टाइम (part time) कोर्स भी मौजूद (available) है। पिछले एक दो साल से कई ऑनलाइन कोर्स (online course) भी प्रचलन में है।
विदेशी भाषा (foreign language) में संवाद (conversation) के बिना कुछ भी संभव नहीं है। इसलिए प्रोफेशनल कोर्स (Professional course) के अलावा अपने संवाद को स्पष्ट (clear) प्रभावी (effective) तथा सूचनात्मक (Informational) बनाना होता है। जिस भाषा का कोर्स कर रहे हैं, उससे जुड़े देश की कला-संस्कृति (Art culture) का ज्ञान (knowledge) होना भी जरूरी है। इसके अलावा उन्हें परिश्रमी (Hard working), अनुशासित (Disciplined) और समाजिक (Social) बना होगा। विदेशी शिक्षा (Foreign education) से संबंधित प्रवेश परीक्षा एवं स्कॉलरशिप (scholarship) का ज्ञान भी छात्रों को पहले ही होना चाहिए। योग्यता और अन्य स्किल (skill) से लैस छात्र औरों से अलग नजर आते हैं।
रोजगार की संभावनाएं कहाँ कहाँ हैं? Career In Foreign Languages Hindi
Where are the employment possibilities in hindi – विदेशी भाषा में कोर्स व अन्य गुणों से लैस छात्रों को रोजगार (job) के लिए भटकना नहीं पड़ता। वे देश-विदेश हर जगह संभावनाएं तलाश सकते हैं। विदेशी दूतावास (Embassy), टूरिज्म एजेंसी (Tourism Agency), अंतरराष्ट्रीय संगठन (International organization), शैक्षिक संगठन (Educational organisation), बीपीओ-केपीओ संगठन (BPO-KPO Organisation), रिसर्च सेंटर (research center), होटल (hotel), मल्टीनेशनल कंपनी (Multinational company), इत्यादि में अच्छे पदों पर जॉब मिलती है। कई आईटी कंपनीयां (IT Company) भी विदेशी भाषा के जानकारो को अवसर (opportunity) देती हैं। भारत की बात करें तो बेंगलुरु, हैदराबाद, गुरुग्राम जैसे शहरों में संबंधित प्रोफेशनल्स की काफी मांग है। टीचिंग व फ्रीलांसिंग (Freelancing) में भी पर्याप्त काम है।
छात्रवृत्ति
Scholarship – जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University), दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University), मैक्समूलर भवन सहित कई ऐसे संस्थाएं है, जो छात्रों की मदद के लिए स्कॉलरशिप (scholarship) प्रदान करते हैं। एडीवी-जेएसपी स्कॉलरशिप, डाड स्कॉलरशिप, दि फूल ब्राइड नेहरू मास्टर फेलोशिप के अलावा कई ऐसे संस्थाएं (institutes) है, जो विदेशी शिक्षा के इच्छुक छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान करती हैं। छात्रों को यह पता लगाना होगा कि किस भाषा के लिए कौन सी स्कॉलरशिप दी जाती है। कई देशों की सरकारें (Governments) भी छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान करती हैं।
विदेशी भाषा सीख कर काम करने में सैलरी कितनी मिलती है?
Foreign language salary in hindi – यह आमदनी (income) के हिसाब से आकर्षक करियर है। इसमें शुरुआती दौर में प्रोफेशनल (professional) को बीस से तीस (20-30) हजार रुपये आसानी से मिल जाती हैं। कुछ छात्रों में प्रोफेशनल की योग्यता को देखते हुए पैंतीस से चालीस (35-40) हजार रुपये प्रति माह मिल जाते हैं। दो-तीन साल के बाद अनुभव (Experience) के बाद यह राशि चालीस से पचास (40-50) हजार तक पहुंचाती है। टीचिंग (teaching) और पीआरओ (PRO) के रूप में अच्छी आमदनी (income) हो जाती है। जबकि टूरिज्म गाइड (Tourism guide) व टूर ऑपरेटर (Tour operator) अपनी मेहनत के हिसाब से पैसा कमाते हैं।
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