आज पूरे विश्व कोरोनावायरस (COVID-19) नामक बीमारी से पीड़ित है। यह बीमारी लगभग 193 देशों में फैल चुकी है। विश्व में लगभग सभी विकसित देश भी इस बीमारी से बचने के लिए अपना हाथ खड़े कर चुके हैं। यहां तक कि अमेरिका जैसे देश में लगातार बढ़ते प्रकोप को संभाल नहीं पा रही है, जहां स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रकार के सुविधाएं उपलब्ध होते हुए भी इसे रोकने में असमर्थ है। उस परिदृश्य में देखा जाए तो भारत बहुत ही कमजोर स्थिति में है। यहां पर विकसित देश जैसे ना ही कोई स्वास्थ्य के उपकरण हैं, नहीं उस प्रकार की कोई सुविधाएं हैं। जिसके कारण बहुत ही चिंतनीय विषय बन चुका है कि हम भारतवासी कैसे इस रोग पर जीत हासिल करेंगे, कैसे हम इसे पराजित करेंगे और कैसे हम स्वस्थ रहेंगे। यह विषय गंभीरता से विचारणीय है।
भारत के बड़े बड़े डॉक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है कि इस का एकमात्र उपचार है- “Social Distancing – सामाजिक दूरी यानी एक दूसरे से कम से कम एक से तीन मीटर की दूरी” बना कर रखना और लॉकडाउन का पालन करना। भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर हम सभी अमल करें। अपने परिवार से, समाज से, देश से सभी को पालन करने के लिए निवेदन करें। सभी को समझाएं सभी को जागरूक करें। तभी हम इस बीमारी से बच पाएंगे और देशवासियों को बचा पाएंगे। यह बीमारी कोई जात-पात, मजहब को नहीं पहचानता, यह किसी भी समुदाय में किसी भी मजहब में प्रवेश कर सकता है। इससे बचने के मात्र एक ही उपाय है दूरी बनाए रखना, तो आइए हम सभी संकल्प करें। हमारे आस-पास जितने भी सगे-संबंधी, कुटुंब-मित्र-सखा, बच्चे-बूढ़े सभी को इसके बारे में जागरूक करें। जिससे हमारा देश सुरक्षित, सबल एवं स्वस्थ रहें। विशेषकर हम अपने समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों से निवेदन करना चाहूंगा कि इस लॉकडाउन के दौरान हमारे जितने भी गरीब भाई हैं उनका जिस प्रकार हो उनका हर समय मदद किया जाए। इसी शुभकामनाओं सहित आपका अपना छोटा भाई।
– डॉ. हरिओम ठाकुर
प्रखंड अध्यक्ष, आदिवासी प्रकोष्ठ, जदयूकल्याणपुर, पूर्वी चंपारण, बिहार