हिंदी कविता

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वो शिल्पकार लोहार है - गंगा शाह आशु कवि सामने विस्तृत हिमालय पड़ा अपार है,वो शिल्पकार लोहार है,वो शिल्पकार लोहार है॥ एक घास की झोपड़ी केनीचे...
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