होमन्यूज़आदिवासी लोहार समुदाय ने भूख हड़ताल कर किया जोरदार प्रदर्शन

आदिवासी लोहार समुदाय ने भूख हड़ताल कर किया जोरदार प्रदर्शन

पटना (सोमवार, 25 फरवरी, 2019) | इतिहास में पहली बार बिहार के आदिवासी लोहार समाज ने युवाओं के प्रयास से दिखाया जोरदार एकता। अवध बिहारी शर्मा के अध्यक्षता में गर्दनीबाग, पटना धरना स्थल पर हजारों हजारों की संख्या में छात्र-छात्रा, युवा नौजवान, अभिभावक, महिलाएं और बुजुर्ग द्वारा अपनी संवैधानिक अधिकार हेतु राज्य स्तरीय एक दिवसीय भूख हड़ताल और जोरदार प्रदर्शन तथा नारेबाजी किया गया। धरना स्थल दिन भर नारों से गूँजता रहा। शाम को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रदेश अध्यक्ष श्री वशिष्ठ नारायण सिंह आये और समस्या के समाधान हेतु पूर्ण आश्वासन के साथ अपने हाथों से जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त किये।

आदिवासी लोहार समुदाय भूख हड़ताल पटना
आदिवासी लोहार समुदाय भूख हड़ताल पटना

पूरा मामला क्या है:- बिहार के तमाम लोहार (LOHARA) जनजाति समुदाय आजादी के बाद 1950 से अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में अधिसूचित है, जो आज तक कायम है। परंतु 2006 में कांग्रेस-राजद की सरकार ने गौर संवैधानिक तरीका से केंद्रीय एक्ट 48/2006 द्वारा रोमन लिपि LOHARA को देवनागरी लिपि में लोहार को लोहारा कर दिया, जो संविधान के अनुच्छेद 342(2) का सीधा उलंघन था। लोहारा नाम का कोई जाति नही पायी जाती है।

आदिवासी लोहार समुदाय भूख हड़ताल पटना
आदिवासी लोहार समुदाय भूख हड़ताल पटना

वर्तमान सरकार 2016 में निरसन और संशोधन कर हजारो बेकार के एक्ट के साथ एक्ट 48/2006 में लिखा गया लोहारा को एक्ट 23/2016 से निरसन (Repealed) कर दिया। जिससे बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा पुनः लागू करते हुए लोहार (LOHARA) को अनुसूचित जनजाति (ST) का जाति प्रमाण पत्र और अन्य सभी सुविधाएं दिया जा रहा है और बहुत से लोग लाभान्वित भी हुए है। परन्तु जनजाति मंत्रालय के सचिव स्तर से लगातार आज तक बिहार सरकार को एवं केंद्र के एस.एस.सी., रेलवे नियुक्तियों तथा एन.टी.पी.सी. अधिकारियों को पत्र भेजे जा रहे हैं कि बिहार में लोहार एस.टी. नही है। वे रिपील एक्ट 48/2006 के लोहारा को ही एस.टी. सही बता रहे है। जिसके वजह से लोहार जनजाति के सैकड़ों विद्यार्थियों को नियुक्त हेतु चुन लिए जाने के बाद छंटनी कर दिया गया।

जिसके वजह से सूबे के तमाम आक्रोशित आदिवासी लोहार समुदाय द्वारा गर्दनीबाग, पटना में भूख हड़ताल किया गया और केंद्र सरकार से मांग किया गया कि-

  1. लोहार (LOHARA) का संवैधानिक अधिकार लागू करें।
  2. बिहार के संदर्भ में केंद्रीय अनुसूचित जनजातियों की सूची में एक्ट 23/2016 के आलोक में लोहार जाति (caste) के समस्या के समाधान के लिए, देवनागरी लिपि में लोहार और Roman script (रोमन लिपि) में LOHARA लिखा हुआ स्पष्ट सूची जारी करें
  3. केंद्र के एस.एस.सी., एन.टी.पी.सी. रेलवे आदि से छटनी किए गए विद्यार्थियों को वापस नौकरी पर बहाल करें
  4. जनजाति मंत्रालय के अधिकारियों ने एसएससी, रेलवे, एनटीपीसी में पत्र भेजकर लोहार (LOHARA) को एसटी नहीं मानने के लिए लिखा है तथा राज्य में जिला स्तरीय और अंचल स्तरीय अधिकारियों के मनमानी करने के विरोध में न्यायिक/कानूनी कार्रवाई अभिलंब करें।
Hunger Strikes In Patna
Hunger Strikes In Patna

भूख हड़ताल में हरिशरण ठाकुर, राजकिशोर ठाकुर, राजकुमार शर्मा, राजकिशोर शर्मा, अमीरी लाल ठाकुर, सतीश कुमार शर्मा, विजय विश्वकर्मा, रामा शंकर शर्मा, अमर विश्वकर्मा, अभिजीत कुमार शर्मा, अधिवक्ता शिव शंकर ठाकुर, रवि कुमार शर्मा, दिनेश शर्मा, अशोक शर्मा, सुजीत कुमार, उपेंद्र शर्मा, राहुल कुमार, अमित कुमार, रंजीत कुमार, कन्हौय शर्मा, कमलेश कुमार, राकेश कुमार, मनीष कुमार, अधिवक्ता बबलू लोहर, विशाल विश्वकर्मा, ब्रजकिशोर शर्मा, धामु शर्मा, लालबाबू शर्मा, परशुराम ठाकुर, मुकेश कुमार, अरुण कुमार, झुंना कुमार, सोनी कुमारी, बच्ची देवी, निशा कुमारी, ईशा कुमारी, प्रकाश शर्मा, सुमन लोहार, लक्ष्मी देवी, पुष्प देवी, केलरिया देवी, गीता देवी, रिकू देवी, लक्ष्मी कुमारी, ममता शर्मा, प्रियंका कुमारी, राधा देवी, संगीता देवी, शाकुन्तल देवी, सत्यनारायण शर्मा, लालन ठाकुर, रामप्रवेश शर्मा इत्यादि के साथ हजारो हजारो की संख्या में छात्र-छात्रा, युवा नौजवान, अभिभावक, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग आदिवासी लोहार समाज के लोग शामिल रहें।

आदिवासी लोहार समुदाय भूख हड़ताल पटना
Hunger Strikes In Patna

धारण स्थल इन नारों से दिन भर गूँजता रहा:-

भूख हड़ताल शौक नहीं मजबूरी है।अपना अधिकार लेना जरूरी है।।हमें न्याय चाहिए।हमें अपना अधिकार चाहिए।।समाज का अस्तित्व बचाना है ।अपना अधिकार पाना है ।।बात सिर्फ हम तक नहीं।।अपने समाज के भविष्य का सवाल है।।नहीं चलेगी, नहीं चलेगी।आरक्षण विरोधी नीति नहीं चलेगी।।नहीं चलेगी, नहीं चलेगी।अफसरों की मनमानी नहीं चलेगी।।जनजाति मंत्रालय, होश में आओ।केंद्र सरकार होश में आओ।।अधिकार नही,तो वोट नही।लोहार से जो टकराएगा।चूर चूर हो जाएगाहम समाज के निर्माता है।हमे भेदभाव करने नही आता है।।लोहार के विरोधी।पूरे समाज और देश के विरोधी।।

Satish
Satish
सतीश कुमार शर्मा ApnaLohara.Com नेटवर्क के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ हैं। वह एक आदिवासी, भारतीय लोहार, लेखक, ब्लॉगर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
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