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जय भीम का मतलब क्या है? Jai Bhim Meaning

जय भीम साथियों, क्या आप जानना चाहते हैं कि “जय भीम का मतलब क्या है? Jai Bhim Meaning” तो बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं क्योंकि इस आर्टिकल में आपको जय भीम का मतलब क्या है? जय भीम का नारा किसने दिया? से संबंधित जानकारी मिलने वाली है। मुझे विश्वास है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको दूसरी आर्टिकल पढ़ने की जरूरत नही पड़ेगी। इसलिए इस आर्टिकल को एक बार अंत तक जरूर पढ़ें। आगे पढ़ें:-

अभी हाल में ही तमिल फ़िल्मों के सुपरस्टार सूर्या की एक फ़िल्म रिलीज हुई है जिसका नाम “जय भीम” है। यह फ़िल्म न्याय के लिए एक आदिवासी महिला के संघर्ष को दर्शाती है।

इस फ़िल्म के रिलीज होने के बाद से जय भीम शब्द काफी चर्चा हो रही है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर जय भीम का अर्थ क्या होता है? और जय भीम का नारा किसने दिया? जय भीम का नारा कैसे शुरुआत हुई? आइये जानते है – Jay bheem ka matlab kya hota hai

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विषय सूची

जय भीम का मतलब क्या है? | Jai Bhim Meaning

जय भीम का अर्थ है – “भीम की जीत हो” अर्थात “बाबासाहब डॉ. आम्बेडकर जिंदाबाद“। जय भीम वाक्यांश का इस्तेमाल खासकर बाबासाहेब डॉ आम्बेडकर की प्रेरणा से अपने को बौद्ध धर्म में परिवर्तित किया लोगो के द्वारा किया जाता है। यह अपने मूल अर्थ से धार्मिक नहीं है। इसे धार्मिक वाक्यांश के रूप में नहीं माना जाता।

जय भीम शब्द का उपयोग बाबासाहेब डॉ आम्बेडकर से प्रेरित समुदाय अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, वामपंथियों, उदारवादियों द्वारा इसे अभिवादन का एक शब्द के रूप में और बाबा साहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर के प्रति सम्मान के प्रतीक के रूप में किया जाता हैं।

भारत के 14वें और वर्तमान राष्ट्रपति आदरणीय राम नाथ कोविन्द (Ramnath Kovind) जी अपने एक भाषण और ट्वीट में बताया है – ‘जय भीम’ का मतलब है – ‘डॉ. आंबेडकर की जय’। ‘डॉ. आंबेडकर की जय’ का मतलब है – “उनकी विरासत तथा आदर्शों और उनके द्वारा देश को दिए गए संविधान – इन सबकी जय हो”

तमिल फ़िल्मों के सुपरस्टार सूर्या की अभी हाल में ही रिलीज फ़िल्म “जय भीम के अंत में जय भीम का अर्थ लिखा है:-

Jai Bhim

  • Jai Bhim means Light
  • Jai Bhim means Love
  • Jai Bhim means Journey from Darkness to Light
  • Jai Bhim means Tears of Billions of People!

Maratha Poetry

हिंदी अनुवाद

जय भीम

  • जय भीम का मतलब है प्रकाश
  • जय भीम का मतलब होता है प्यार
  • जय भीम का मतलब है अंधकार से प्रकाश की यात्रा
  • जय भीम यानी अरबों लोगों के आंसू!

मराठा कविता

जय भीम शब्द कहाँ से आया है?

जय भीम शब्द भारतीय संविधान निर्माता भारतरत्न ज्ञान के प्रतीक बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम से आया है। बाबा साहेब डॉ आंबेडकर आंदोलन के लिए प्रतिबद्ध लोग उनके सम्मान में उन्हें जय भीम कहते हैं। जय भीम केवल अभिवादन का शब्द नहीं है बल्कि आज यह आंबेडकर आंदोलन का नारा बन गया है। आंबेडकरवादी आंदोलन के कार्यकर्ता जय भीम वाक्यांश को आंदोलन की संजीवनी कहते हैं।

जय भीम वाक्यांश का प्रयोग कहाँ-कहा होता है?

जय भीम वाक्यांश का प्रयोग आम्बेडकरवादियों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से एक दूसरे से मिलने पर, फोन पर, टेक्ट्स मैसेज इत्यादि में अभिवादन के रूप में किया जाता है।

जब कोई व्यक्ती दुसरे व्यक्ती को अभिवादन या सम्मान में ‘जयभीम’ बोलता या लिखता हैं, तो सामने वाला व्यक्ती भी ‘जयभीम’ या ‘सप्रेम जयभीम’ (प्यार भरा जयभीम) कहकर उसका अभिवादन या सम्मान करता है या जवाब देता है।

पहले महाराष्ट्र में आंबेडकर आंदोलन के कार्यकर्ता एक दूसरे से मिलते वक्त ‘जय भीम’ कहते थे. लेकिन अब जय भीम नारा भारत में इतना फैल चुका है कि कोने कोने में प्रयोग किया जाता है। अब सिर्फ भारत मे ही नही बल्कि विश्व में भी जय भीम के नारे तेजी से फैल रहा है।

आगे पढ़िये– जय भीम का नारा सबसे पहले किसने दिया? या जय भीम का नारा किसने दिया? जय भीम का नारा कब से शुरु हुई?

जय भीम का नारा किसने दिया?

जय भीम का नारा सबसे पहले बाबा साहेब डॉ आंबेडकर आंदोलन के एक कार्यकर्ता “बाबू हरदास एल.एन. (लक्ष्मण नागराले) ने 1935 में दिया था। बाबू हरदास एल.एन. कौन थे? बाबू हरदास सेंट्रल प्रोविंस-बरार परिषद के विधायक थे और बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के विचारों का पालन करने वाले एक प्रतिबद्ध कार्यकर्ता थे।

बाबू हरदास एल.एन. 1921 में बाबासाहब डॉ अम्बेडकर के साथ सामाजिक आंदोलन में उतरे। बाबू हरदास का परिवार पढ़ा लिखा था। पिता लक्ष्मण उरकुडा नगराले रेलवे विभाग में बाबू थे। उस समय देश में वर्णभेद और जाति भेद के कारण भीषण सामाजिक और आर्थिक विषमता फैली हुवि थी। सन 1922 में महाराष्ट्र के अछूत संत चोखामेला के नाम पर उन्होंने एक छात्रावास शुरू किया।

1924 में उन्होंने एक प्रिंटिंगप्रेस खरीदी थी और सामाजिक जागृति के लिये मंडई महात्म्य नामक किताब जागृति के लिये लिखी थी, साथ ही चोखामेला विशेषांक भी निकाला था। उन्होंने बाबासाहब डॉ आंबेडकर के आंदोलनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 12 जनवरी 1939 को उनका परिनिर्वाण के बाद डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था, ‘मेरा दाहिना हाथ चला गया।

20 मार्च 1927 को चावदार झील के सत्याग्रह और 02 मार्च 1930 को नासिक के कालाराम मंदिर में लड़ाई के कारण डॉ. आंबेडकर (Dr Ambedkar) का नाम हर घर में पहुंच चुका था। इसके बाद महाराष्ट्र में डॉ. आंबेडकर ने जिन दलित नेताओ को आगे बढ़ाया उसमे से एक बाबू हरदास थे। रामचंद्र क्षीरसागर द्वारा लिखित किताब “Dalit Movement in India and its leaders (दलित मूवमेंट इन इंडिया एंड इट्स लीडर्स)” के अनुसार जय भीम का नारा सबसे पहले बाबू हरदास एल. एन. ने दिया था। आगे पढ़िए – जय भीम का नारा कैसे शुरुआत हुई?

जय भीम का नारा कैसे शुरुआत हुई?

1930 के नासिक कालाराम मंदिर सत्याग्रह तथा 1932 में पूना पैक्ट के दौरान बाबू हरदास एल. एन. ने बाबा साहब डॉ आंबेडकर के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय कार्यकर्तताओं के साथ घूमते हुये रास्ते में देखा – जब एक मुस्लिम को दूसरे मुस्लिम से मिलता है तो “अस्सलामु अलैकुम” बोलता है जवाब में दूसरे व्यक्ति ने “वा अलैकुम अस्सलाम” बोलता है। तब बाबू हरदास ने सोचा कि हमें एक दूसरे से क्या कहना चाहिये? उन्होंने कार्यकर्तताओं से कहा, मैं “जय भीम” कहूँगा और आप “बल भीम” कहिये। उस समय से ये “जय भीम” वाक्यांश का अभिवादन शुरू हो गया, पर बाद में “बल भीम” प्रचलन से गायब हो गया, केवल “जय भीम” ही प्रचलन में रहा।

गुंडागर्दी करने वाले असामाजिक लोगों को नियंत्रण में लाने और समानता के विचारों को हर गाँव में फैलाने के लिए बाबा साहेब डॉ आंबेडकर ने 1933-34 में समता सैनिक दल की स्थापना की थी। बाबू हरदास समता सैनिक दल के सचिव थे। बाबू हरदास ने समता सैनिक दल को जय भीम का नारा नागपुर में दिया। बाद में डॉ अम्बेडकर ने खुद भी 1949 में अपने पत्रों में जय भीम लिखना और कहना शुरू कर दिया था। इस तरह “जय भीम” का नारा शुरुआत हुई।

कवि बिहारी लाल हरित ने जय भीम शब्द का प्रयोग पहली बार सन 1946 में कविता के माध्यम से दिल्ली में किया। कविता के बोल थे:

“नवयुवक कौम के जुट जावें सब मिलकर कौम परस्ती में, जय भीम का नारा लगा करे भारत की बस्ती-बस्ती में।”

उत्तम कांबले के शब्दों में कहे तो – “जय भीम सिर्फ अभिवादन नहीं है, यह एक समग्र पहचान बन गया है। इस पहचान के विभिन्न स्तर हैं. ‘जय भीम‘ संघर्ष का प्रतीक बना, यह एक सांस्कृतिक पहचान के साथ-साथ एक राजनीतिक पहचान भी बन गया है। मुझे लगता है कि यह क्रांति की समग्र पहचान बन चुका है”।

वर्तमान समय में ‘जय भीम’ वाक्यांश आंदोलन का भी प्रतीक बन गया है। तमिल फिल्म के सुपरस्टार सूर्या की फ़िल्म जय भीम भी “न्याय के लिए एक आदिवासी दलित महिला के संघर्ष को दर्शाती है”।

भारत के उभरते नेता और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने भी अपनी का नाम ‘भीम आर्मी (भीम सेना भारत एकता मिशन)’ रखा है। जो दबे कुचले, शोषित वंचितों, किसानों, अल्पसंख्यक के लिए लड़ता करता है।

2019 में जब दिल्ली में CAA (नागरिकता संशोधन क़ानून) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुआ तो मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर की तस्वीरें लहराईं।

पंजाबी लोकगीत, रैप और हिप-हॉप गायिका गिन्नी माही ने भी नौ बार साड़ी बदलकर ‘जय भीम-जय भीम, बोलो जय भीम’ गाया है। वह भीम गीतों के लिए प्रसिद्ध हैं। जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी “जय भीम-जय भीम, बोलो जय भीम” गीत गा चुकी है।

यह सभी तथ्य इस बात का संकेत है कि अब ‘जय भीम’ का नारा किसी एक समुदाय और भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं है।

आज “जय भीम” वाक्यांश / नारा बहुजन अस्मिता और एकता का प्रतीक बन चुका है। हर बहुजन युवा उत्साह से जय भीम के साथ एक दूसरे का अभिवादन करते हैं।

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आशा है कि इस आर्टिकल में दी गई जानकारी – जय भीम का मतलब क्या है? Jai Bhim Meaning, जय भीम का नारा किसने दिया” आपको पसंद आया तो अपने दोस्तों, रिस्तेदारों और परिचितों के साथ सोशल मीडिया जैसे- फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, ट्विटर पर शेयर करे और नीचे कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे। जय भीम

Satish
Satish
सतीश कुमार शर्मा ApnaLohara.Com नेटवर्क के संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ हैं। वह एक आदिवासी, भारतीय लोहार, लेखक, ब्लॉगर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
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