आपके पढ़ाई के प्रति इस संघर्ष को सलामविश्व फोटोग्राफी दिवस की सबसे बेहतर फ़ोटो मुझे ये लगी जिसको में आपके साथ सांझा कर रहा हूँ। इस फोटो में एक बालिका 12th के बाद आगामी पढ़ाई हेतु लॉकडाउन की वजह से दूर जा नही सकती इसलिए घर ही ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहती हैं। लेकिन गुजरात के आदिवासी भिहड़ जंगलों में नेटवर्क नही होने की वजह से इस बालिका के चार भाइयों ने जंगल के पास में जहां नेटवर्क है, वहाँ इसके लिए एक झोपड़ी की व्यवस्था की है ताकि मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन अपनी शिक्षा को जारी रख सके….
रोज घर से सुबह 7 बजे खाना लेकर इस झोपड़ी में आ जाना और पढ़ाई करना, वापिस शाम को 7 बजे फिर से अपने घर चले जाना प्रतिदिन का रुटीन हैं। सामान्य जीवन जीने के लिए भी आदिवासियों को कितना संघर्ष करना पड़ रहा हैं और एक हम लोग हैं जिन्हें सब सुख सुविधा मिलने के बाद भी उनका सदुपयोग नही कर पा रहे हैं…
सरकार को आदिवासियों को सभी तरह की सुख-सुविधाएं देकर उन्हें आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करना चाहिए, यह फोटो हमारे मित्र नरेन ने भेजी हैं, जो इनके पास के गाँव के वर्तमान में सरपंच भी हैं। जमशेदपुर आदिवासी संवाद कार्यक्रम में ऐसे लोगो से मिलने का मौखा मिला। जिनके संघर्ष की कहानियां सुनकर आँखे नम हो जाती हैं। साथ ही हौसला भी मिलता है कि फिर भी वे लोग हार नही मानते और अपने लक्ष्यों को हासिल करते हैं।
धन्यवाद उन भाइयों को जिन्होंने अपनी बहन को पढ़ाने हेतु यह कदम उठाया … मेहनत के सामने सिर्फ लक्ष्य व सफलता नजर आती है बहाने नही।
मोटिवेशनल पोस्ट – अवधेश बाहुबली जोहार
सोशल मीडिया पर लोगो का प्रतिक्रिया इस प्रकार हैं:-
वाकई यह फोटो बहुत ही अच्छी और प्रेरणा दायी है। खासकर उनलोगों के लिए जो सुविधाएं ना होने का बहाना बनाकर पढ़ाई से दूर भागते हैं। – Jit Mun
पढ़ाई में जज्बा और जूनून होना अतिआवश्यक है। सलाम बहना।खूब, जोरदार मेहनत करो और आगे सफलता हासिल करो। – Chumbru Hembrom
इस देश की मेहनतकश आदिवासी बिटिया को हुल जोहार। – लखीचरण सिंह मुण्डा
इसकी जज़्बातों और जुनूनो को सलाम करते हैं।जय मूलनिवासी। – Stephan Hembromसोर्स – सोशल मीडिया