लोहार कुलभूषण गोस्वामी दास अमर रहे! अमर रहे!! अमर रहे!!!
वैशाली, बिहार (दिसम्बर 30, 2020 बुधवार) | समाज के महान क्रन्तिकारी, कर्मठ, शिक्षित व सामाजिक विकास को गति देने वाले अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा के संस्थापक विश्वकर्मा समाज के जननायक लोहार कुलभूषण गोस्वामी दास जी का 94वीं जयंती के शुभ अवसर पर लोहार कल्याण समिति बिहार प्रदेश के नेतृत्व में उनके गांव अलावलपुर (वैशाली) में आदमकद प्रतिमा का अनावरण का भव्य समारोह हुआ। कार्यक्रम का अध्यक्षता डॉ. सत्यनारायण शर्मा (महासचिव लोकस) एवं संचालक धर्मेंद्र कुमार शर्मा (प्रदेश कार्यकारी, लोकस) के द्वारा किया गया। माननीय विधायक अवधेश सिंह (हाजीपुर) एवं माननीय विधायक संजय सिंह (लालगंज) मुख्य अतिथि एवं राजाराम व्यास जी (मार्गदर्शक, लोकस) जुगल किशोर ठाकुर (जिलाध्यक्ष, वैशाली) एवं जवाहर ठाकुर जिला अध्यक्ष लोकस युवा प्रकोष्ठ वैशाली) भी उपस्थित रहे।
माननीय विधायक अवधेश सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गोस्वामी दास एक बड़े महापुरुष थे उनका प्रतिमा का अनावरण कार्य अद्वितीय हैं। जातीय समस्या पर बोलते हुए कहा कि आपके समस्या पर हम गंभीर हैं और आपका समस्या दूर कराने में हर संभव प्रयास करेंगे। कोरोना संक्रमण काल, चुनाव, एवं कुछ अन्य कार्यो के कारण देर हुई हैं।
लालगंज विधायक संजय सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे साथ कई संजोग जुड़े हैं। मुझे गर्व है कि जिस वर्ष गोस्वामी दास जी अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा का गठन किये उसी वर्ष मेरा जन्म हुआ। जहां उनका जन्म हुआ, मैं भी उसी विधानसभा क्षेत्र से आता हूँ। मैं उनका प्रतिमा अनावरण कर अपने को धन महसूस कर रहा हूँ। मैं इस महापुरुष के चरणों में नमन करता हूँ। समाज के उत्थान में हमसे जितना बन पड़ेगा जरूर करूंगा।
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धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा गोस्वामी दास समाज के उत्थान के लिए अपनी रेलवे की नौकरी छोड़ दिए और समाज को संगठित करने एवं अपने अधिकार के लिए लड़ने के लिए जीवन प्रयत्न करते रहे। गोस्वामी दास जी सामाजिक, राजनीतिक भागीदारी पर जोर देते हुए समाज में शिक्षा का अलख जगाने का काम किये। समाज के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों का शुरुआती दौर में कुछ लोग हास्य एवं व्यंग्य लब्जो का भी प्रयोग किया। लेकिन आज वही लोग उनके गुणों का बखान करते नही थकते हैं। विश्वकर्मा समाज के लोगो को उनसे प्रेरणा लेकर कर आगे बढ़ने का कार्य करें। उनके अधूरे सपने को हम लोग पूरा करे।
राजाराम व्यास (मार्गदर्शक) ने बताया कि गोस्वामी दास जी शिक्षा के प्रति बहुत सजग थे। उनके साथ हमें काम करने का सौभाग्य प्राप्त हैं। उन्होंने हमें महुआ प्रखंड की जिम्मेवारी देते हुए कहा था पता लगाएं कि किस घर में कौन कितना पढ़ा लिखा हैं, कौन लोग अभी भी पाल पसेरी पर काम कर रहे हैं। 1963 में पूरे प्रखंड में मात्र दो लोग ही मैट्रिक पास थे और अधिकतर लोग पाल पसेरी पर ही काम कर रहे थे। हमने उस क्षेत्र में काम किया। आज पूरे बिहार में लोहार नगद काम करते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रहे हैं। गोस्वामी दास जी का त्याग और बलिदान व्यर्थ नहीं गया।
डॉ सत्यनारायण शर्मा (प्रदेश महासचिव, लोकस) ने कहा केंद्रीय अधिकारी इंग्लिश फॉर्मेट में जारी जाति प्रमाण पत्र में Lohara का गलत अर्थ लगा कर गैर कानूनी तरीका से अनावश्यक लोहार समुदाय के नौजवानों को परेशान कर रही हैं। जबकि उसी प्रमाण पत्र में (लोहार) स्पष्ट अंकित है। भारत सरकार को इस समस्या को गंभीरता पूर्वक लेते हुए बिना विलंब के लोहार (Lohara) समुदाय के साथ न्याय करना चाहिए।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अवधेश कुमार शर्मा (जिला प्रवक्ता) के सौजन्य से गोस्वामी दास जी के जीवनी पर आधारित एक पत्रिका का लोकार्पण अतिथि में किया गया और जवाहर शर्मा, सुबोध शर्मा, नरेश शर्मा अरविंद शर्मा, राम जी विश्वकर्मा, सुबोध कुमार शर्मा, जय ठाकुर मुखिया जी, महेश शर्मा मुखिया जी, उर्मिला देवी, दीपक कुमार (गोस्वामी दास जी के पौत्र), बलविंदर शर्मा, नरेश शर्मा (शिक्षक), कृष्णा शर्मा, वशिष्ठ शर्मा के साथ सुजीत कुमार (जिलाध्यक्ष लोकस सिवान) शिवनाथ शर्मा (जिलाध्यक्ष लोकस दरभंगा) जुगल किशोर ठाकुर (जिलाध्यक्ष लोकस सीतामढ़ी) दिनेश शर्मा, अरुण कुमार शर्मा, महेश शर्मा, अभिजीत कुमार ने भी अपने विचार रखे तथा हजारों की संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे।