माना कि मेरी उम्र कम हैं, मैंने दुनिया भी बहुत कम घुमा हैं लेकिन जितनी उम्र हैं और जितनी दुनिया घुमा हैं उस हर एक को करीब से देखा हैं, उसे जानने और समझने की कोशिश की हैं।अनुभव किया-दुनिया में बहुत कम लोग हैं जो सच्चाई को समझ सके और समझ भी गए तो समझ कर उसे सहन कर सके। जहां सच्चाई के समझने की क्षमता ही ना हो, वहां अच्छे और बुरे की पहचान नहीं हो सकता है।