यदि बाबा साहब न होते | Yadi Baba Sahab Na Hote – गंगा शाह आशु कवि
यदि बाबासाहेब न होते
पिस रहे होते मनुवादी
व्यवस्था की चक्की को
युही जुल्म सहकर
यदि बाबासाहेब न होते
जुल्म सितम का सिलसिला
आज भी जारी रहता
यदि बाबासाहेब मुक्तिदाता न होते
जानवरों से बदतर
गुलामों के गुलाम
बनकर जीवन होता
ये स्वाभीमान ये सम्मान
और ये दौलत न होती
यदि बाबासाहेब न होते।
आज कोई इस देश में
न अछूत राष्ट्रपति होता!
न कोई वंचित अधिकारी बना होता
न मिल पाती भारतवर्ष मे हमे
जीने की आजादी
यदि बाबा साहेब न होते।
लेखक: – गंगा शाह आशु कवि (उत्तराखंड)