आरा | (14 जून, 2020 रविवार) राष्ट्रीय आदिवासी अधिकार मोर्चा के द्वारा आरा के सड़को पर अर्धनग्न हो कर जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस दौरान सभी प्रदर्शनकारियों ने अपने ऊपर के आधे कपड़ों को खोलकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए। जनजातीय मंत्रालय और केंद्र सरकार को आदिवासी और आरक्षण विरोध नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह विरोध राष्टपति द्वारा पारित कानून एक्ट 23/2016 में 11 आदिवासी जनजातियों की अधिसूचना जारी करने को लेकर व 23/2106 एक्ट में लोहार लिखा अधिसूचना जारी करने की मांग को लेकर किया गया।

इस दौरान राष्ट्रीय आदिवासी अधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज किशोर शर्मा ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री और भारत के कानून मंत्री से मांग करते है कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा पारित एक्ट में LOHARA को जल्द से जल्द सुधार कर देवनागरी लिपि में लोहार करें। साथ ही 11 आदिवासी जनजातियों का अधिसूचना जारी करें। इस मुद्दे को कई बार हम लोगों ने उठाया है लेकिन अभी तक सरकार हम लोगों के साथ न्याय नहीं की है। उन्होंने बताया कि लोहार समुदाय को 1950 से लेकर 2006 तक लोहार लिखा जाता था। लेकिन 2006 में साजिस के तहद संशोधन कर जनजाति लोहार समुदाय का अधिकार को छिनने का कोशिश किया गया। जिसे 2016 में 23/2016 एक्ट पारित होने दौरान सरकार ने इसे निराश कर दिया हैं।