मुजफ्फरपुर के बैरिया स्थित महेश भगवत बनवारी लाल इंटर कॉलेज में लोहार कल्याण समिति के बैनर तले एक विराट लोहार सम्मेलन आयोजित किया गया। यह सम्मेलन 9 मार्च 2025, रविवार को संपन्न हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में छात्र, नौजवान, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हुईं।
इस सम्मेलन की अध्यक्षता लोहार कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार शर्मा और जिला अध्यक्ष राधेश्याम ठाकुर (अधिवक्ता) ने की। सभा में समुदाय ने अपनी तीन प्रमुख मांगें केंद्र और राज्य सरकार के समक्ष रखीं।
- पहली मांग: समुदाय चाहता है कि जाति प्रमाण पत्र में केवल ‘लोहार’ लिखा जाए। बिहार सरकार के 9 मार्च 2011 के गजट संख्या 61 के अनुसार खतियान में दर्ज जाति ही किसी व्यक्ति की वास्तविक जाति होती है। चूंकि लोहार समुदाय के खतियान में सिर्फ ‘लोहार’ लिखा गया है, इसलिए प्रमाण पत्र में भी यही दर्ज होना चाहिए।
- दूसरी मांग: समुदाय ने सत्ता में उचित भागीदारी की मांग उठाई। आजादी के 78 साल बाद भी लोहार समाज का कोई भी व्यक्ति विधायक या सांसद नहीं बन पाया है। इसके कारण उनका विकास रुक गया है और वे लगातार हाशिए पर जा रहे हैं। समुदाय ने मांग की कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उन्हें उचित संख्या में टिकट और प्रतिनिधित्व दिया जाए।
- तीसरी मांग: लोहार समुदाय ने अपनी संवैधानिक पहचान को पुनः बहाल करने की अपील की और मांग की कि उन्हें उनकी संवैधानिक अधिकार अनुसूचित जनजाति की प्रमाण पत्र और सभी सुविधाएं पुनः बहाल करें।।
सम्मेलन में मौजूद लोगों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में वे अपनी एकता और शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि लोहार जाति केवल मेहनतकश नहीं है, बल्कि अब अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने को भी तैयार है। जो भी राजनीतिक दल उनके अधिकारों को नजरअंदाज करेगा, उसे चुनाव में करारा जवाब मिलेगा।
इस विराट सम्मेलन में भारी संख्या में लोग जुटे, जिससे लोहार समुदाय की एकता और जागरूकता का स्पष्ट संदेश सरकार और राजनीतिक दलों तक पहुंचा।
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