पटना (03 अप्रैल 2023) | बिहार में जातीय आधारित गणना में लोहार जाति को कमार का उपजाति बना कर गणना किया जा रहा है। जिसके विरोध में सोमवार को लोहार समुदाय ने लोहार समाज के गांधी अमीरीलाल ठाकुर के अध्यक्षता में गर्दनीबाग पटना में महाधरना दिया।

आगे पढ़े क्या है पूरा मामला?
बिहार में 15 अप्रैल 2023 से जातीय आधारित गणना शुरू होने वाला है जिसमे लोहार जाति को कमार का उपजाति बना कर गणना किया जा रहा है। जबकि लोहार समुदाय का कहना है – हम लोग कमार का उपजाति नही है, हम लोग मुल जाति लोहार है। बिहार सरकार के गजट के अनुसार किसी भी व्यक्ति के जाति का निर्धारण उसके पिता या पूर्वज के भूमि खतियान में लिखे जाति का नाम ही उसका जाति होगा। बिहार में लोहार समुदाय के भूमि खतियान में जाति का नाम सिर्फ लोहार लिखा है।
बिहार राज्य के लोहार जाति का एथनोग्राफिक रिपोर्ट 2010 में स्पष्ट लिखा है कमार जाति बंगाल प्रान्त में बसने वाली जाति है जिसका पेशा तो लोहार जाति से मिलता है परन्तु उद्भव-विकास इत्यादि नहीं। न ही वह अन्य रूपों में लोहार जाति का हिस्सा है। इसके बावजूद भी राज्य के लोहार जाति के गणना कमार जाति में सरकार कर रही है। जिसको लेकर लोहार समुदाय में काफी नाराजगी है।
लोहार समुदाय का मांग है कि लोहार स्वतंत्र और मूल जाति है। हम किसी की उपजाति नहीं हैं। राज्य अंतर्गत जाति आधारित गणना में लोहार जाति को मूल जाति में गणना किया जाये और स्वतंत्र अलग जाति कोड जारी किया जाये।
धरना स्थल पर भारतीय जनता पार्टी के माननिय विधायक श्री पवन जायसवाल (ढाका प्रखंड, पूर्वी चंपारण), ई अनिल कुमार, रीगा (सीतामढ़ी), मोतीलाल प्रसाद, बथनाहा (सीतामढ़ी), माननिय अनिल कुमार सिंह, बरूराज (मुजफ्फरपुर) और माननीया विधायिका श्रीमती गायत्री देवी (परिहार प्रखंड, सीतामढ़ी) भी पहुंच थे जिन्होंने लोहार समुदाय के मांग को समर्थन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोहार कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि लोहार स्वतंत्र और मूलजाति है हम किसी के उपजाति नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि लोहार को मूलजाति में गणना कराये बिना वे लोग गणना का विरोध करेंगे।
अमीरी लाल ठाकुर ने कहा सरकार जातीय गणना में लोहार को कमार की उपजाति बनाकर बड़ी गड़बड़ी की है। लोहार जाति का अस्तित्व मिटाने का षड्यंत्र चल रही है। जिसे हम किसी भी शर्त में होने नहीं देंगे, चाहे इसके लिए हमें जो भी कुर्बानी देना पड़े देने के लिए तैयार हैं क्योंकि हमारे समुदाय के पहचान और अस्तित्व का सवाल है।
लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकिशोर शर्मा ने कहा कि हम लोग हिंदी में सिर्फ लोहार जाति है। हमारा कमार जाति से कोई लेना देना नही है।
लोहार विकास मंच के महासचिव सह पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट परमेश्वर विश्वकर्मा ने कहा कि लोहार मामले में सरकार संविधान और कानून का गला घोंट रही है, जो चिंता की बात है।
आदिवासी लोहार संघ के अध्यक्ष शिव शंकर ठाकुर अधिवक्ता ने कहा बिहार में लोहार जाति की जनसंख्या चालीस लाख से अधिक है। हर विधानसभा में 6, 7 या 10 हजार हमारी जनसंख्या है जो विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी की उमीदवार की हार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अगर हमारी मांगे सरकार पूरी नहीं की तो आगामी चुनाव में सरकार पलट कर रख देंगे।
लोजपा (रा) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. सत्यानंद शर्मा ने कही कि यह धरना मूल जाति में लोहार जाति के लिए गणना कोड आवंटित करने को लेकर था। सरकार लोहार जाति के लिए अगल गणना कोड आवंटित करे।
धरनार्थियों में अमर विश्वकर्मा, डॉ. रामराज शर्मा, अवधेश कुमार, सतीश कुमार शर्मा, भीम शर्मा, राम पदारक शर्मा, दिनेश शर्मा, धनंजय शर्मा, अविनाश कुमार, काजू कुमार, लक्ष्मण शर्मा, राम सिंहासन शर्मा, सत्येन्द्र शर्मा, शुभम शर्मा, संतोष कुमार शर्मा, किशोर कुमार शर्मा, बुलेट शर्मा, केशव शर्मा, राजेश कुमार शर्मा इत्यादि के साथ हजारों की संख्या में लोहार समुदाय के लोग शामिल रहे।