पटना | (अप्रैल 03, 2022 रविवार) लोहार समुदाय के संवैधानिक अधिकार के विरोध सुप्रीम कोर्ट के एकतरफा आदेश के बाद समुदाय में काफी नाराजगी है। जो आज पटना के सड़कों पर देखने को मिला। लोहार जनजाति राष्ट्रीय लोहार महापंचायत के बैनर तले हजारों हजारों की संख्या में कई प्रमाण, रजिस्ट्री पेपर, जमीन के खतियान लेकर चिरैयाटांड़ पुल पटना से राजभवन तक मार्च निकले। लोहार जनजाति के लोगों ने बड़े पैमाने पर हाथ मे तखती, पोस्टर, बैनर जिस पर लोहार ही Lohara है। Lohara ही लोहार लिखे हुए लिए थे। लोहार ही संविधान अनुछेद 342 अनुसूचित जनजाति के हकदार हैं। मार्च पहुंचा गांधी मैदान पटना चौराहा 12 नंबर गेट के सामने और जोरदार प्रदर्शन किए।
जनजाति लोहार समुदाय में इतनी तेज आक्रोश था कि गांधी मैदान पटना 12 नंबर गेट के सामने गोलंबर के पास जब पुलिस रोका तो रोड पर ही प्रदर्शन शुरू हो गया, जिससे ट्रैफिक काफी देर तक जाम रहा, हालांकि बाद में आम जनता को कोई परेशानी नहीं हो इसलिए जनजाति समुदाय के द्वारा रोड छोड़कर साइड में प्रदर्शन किया गया।
मार्च के नेतृत्व कर रहे लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज किशोर शर्मा लोहार ने कहा कि देवनागरी लिपि हिन्दी मे लोहारा नाम की कोई जाति नही है। सिर्फ रोमनलिपि में Lohara होगा । जिसे हिन्दी में लोहार पढ़ा जाता है। शर्मा ने कहा कि रोमनलिपि में लिखे शब्द को हूबहू नही पढ़ा जाता है। जैसे- राजेंद्र को अंग्रेजी में Rajendra, सुरेंद्र को Surendra, नरेंद्र को Narendra लिखा जाता है। इसी प्रकार लोहार को Lohara लिखा जाता है।
आगे उन्होंने सरकार और लोहार विरोधियों को चैलेंज किया कि हिन्दी मे लोहारा जाति हैं तो सौ साल का खतियान या रजिस्ट्री पेपर दिखाए जिसपर लोहारा लिखा हो सरकार सामने लाये। लोहार समुदाय ST की मांग नही करेगा और और अपनी लड़ाई बंद कर देगा। जब सरकारी रिकार्ड में लोहारा जाति है ही नही है तो सरकार आरक्षण किसको देना चाहती है। यह लोहार से आरक्षण छिनने का षड्यंत्र है जिसे लोहार समुदाय बर्दाश्त नहीं करेगा।
लोकस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि लोहार को रोमनलिपि में दो तरह से लिखा जाता हैं। पांच शब्द Lohar औऱ छः शब्द Lohara है। दोनों का हिन्दी लोहार होगा । लेकिन स्पेलिग Lohar पांच शब्द अनुसूचित जनजाति में नही है। Lohara अनुसूचित जनजाति है। SC, ST एक्ट में स्पेलिंग महत्वपूर्ण होता है। बिहार सरकार ने तो Lohar पांच शब्द में स्पेलिग में नोटिफिकेशन नही किया है।वह तो 2016 में 1976/108 हिन्दी में लोहार रोमनलिपि में Lohara का नोटिफिकेशन किया है। जो राष्ट्रपति ऑडर का पालन राज्यभाष का सम्मान किया है।
लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय महासचिव और पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता परमेश्वर विश्वकर्मा ने कहा कि बिहार सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में उपयुक्त प्रमाण और सटीक जबाब नहीं दिया। वह जान बूझ कर सुप्रीम कोर्ट में केश हार गयी। मगर लोहार समुदाय हार नही मानेगा। हर तरह से सरकार को घेरेगा। लोहारा कौन सी जाती है सरकार को भी स्पस्ट करना पड़ेगा।
लोहार विकास मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष औऱ अधिवक्ता पारस विश्वकर्मा ने कहा कि लोहार को हिन्दी मे लोहारा लिखना बिल्कुल ही असंवैधानिक है। यह तथ्य केन्द्र और बिहार सरकार ने अनुग्रह नारायण सिंह शोध संस्थान से जांच करा कर देख चुकी है। जिसका हकीकत सामने है। सरकार लोहार समुदाय को जानबूझकर कर परेशान कर रही है। लोहार विकास मंच के प्रदेश सचिव अमर विश्वकर्मा ने कहा कि बिहार औऱ जनजातीय मंत्रालय के अधिकारी राजनीति दवाव में लोहार आरक्षण को गुमराह करते रहे हैं। जो उचित नही है
लोकस के कार्यकारी अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि कार्यालय औऱ नेताओ के चक्कर में लोहार समुदाय तंग आ चुका है। अब लोहार समुदाय रोड पर उतरकर सरकार और लोहार विरोधी ताकतों को जबाब देंगे। संविधान के प्रवधान के आलोक में राज्यपाल इस मामले में हस्तक्षेप करे औऱ हिन्दी सुधार कराये।
राज्यपाल के समक्ष प्रदर्शन में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम से अलग अलग मांग का ज्ञापन दिया गया। जिसमे लोहार ही रोमनलिपि में Lohara है। इसका हिन्दी सुधार कर पुनः लोहार और Lohara को ST का लाभ देने की मांग की।
बिहार सरकार साफ शब्दों में केंद्र को लिखे कि हिन्दी में लोहार ही रोमनलिपि Lohara है। लोहारा नाम की जाति बिहार में नही है। जाति प्रमाणित करने का सबूत देना होता है। जो लोहारा जाति का कोई प्रमाण नही है। इसलिए Lohara ही लोहार का पुनः बिहार सरकार अधिसूचना जारी करे और सरकार यही बात केंद्र सरकार को लिख कर भेजे।
घेराव प्रदर्शन के उपरांत लोहार नेताओ ने कहा कि हम तब तक चुप नही बैठेंगे। जब तक अधिकार हमें मिल नहीं जाता।सभी जिलों में रोडजाम, रेल रोको आंदोलन करेंगे। नेताओ को कार्यक्रम में जाने से रोकेंगे तथा काले झंडे भी दिखाएंगे। राज भवन मार्च सह प्रदर्शन में बिहार के सभी जिलों के लोहार नेता और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।