विश्वकर्मा समाज किसी दल का गुलाम नहीं विकास की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए एकजुटता जरूरी – अशोक कुमार विश्वकर्मा
वाराणसी (फरवरी 09, 2020 रविवार) | अपने उत्कृष्ट योगदान और क्रियाकलापों से विभिन्न क्षेत्रों में विश्वकर्मा समाज के गौरव एवं स्वाभिमान में अभिवृद्धि कर चार चांद लगाने वाले, देश भर से आए विभूतियों को ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा ने रविवार को स्थानीय पराड़कर स्मृति भवन के गर्दे सभागार में आयोजित विश्वकर्मा प्रहरी अलंकरण सम्मान समारोह में सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा विश्वकर्मा वंशीयों ने श्रम के सिद्धांत को प्रतिपादित करते हुए बिना किसी भेदभाव के देश व समाज के विकास में महत्वपूर्ण सृजनात्मक योगदान करते रहे हैं। आपसी भाईचारा और सामाजिक समरसता की भावना से सभी के विकास के लिए रचना और निर्माण की संस्कृति इस समाज की अलग पहचान बनाती है। समाज समानता के जिस सम्मान का हकदार है उसे सत्ता में बैठे राजनैतिक और सामाजिक व्यवस्था में बैठे मनुवादी सामंतों ने नहीं दिया। उन्होंने कहा विश्वकर्मा समाज किसी दल का गुलाम नहीं सभी ने सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया और धोखा दिया। जिसके चलते समाज समान भागीदारी के अधिकार से वंचित है। समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संगठित होना जरूरी है क्योंकि भागीदारी के अधिकार को हासिल करने के लिए समाज के सामने संगठित शक्ति के बल पर संघर्ष के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं है।
समारोह को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथियों ने सर्वांगीण विकास भागीदारी स्वाभिमान और खोए हुए गौरव को वापस पाने के लिए सामाजिक एकजुटता और शिक्षा पर विशेष बल दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा को संघर्ष एवं शौर्य का प्रतीक तलवार भेंट कर सम्मान किया गया तथा समाज सेवा, साहित्य, शिक्षा, शिल्प, कला, संस्कृति, चिकित्सा, पत्रकारिता आदि में उल्लेखनीय सेवा योगदान एवं विशिष्टता धारण करने वाले 51 विभूतियों को महासभा के पंच रंगा ध्वज वाली पगड़ी पहनाकर तथा अलंकरणो से विभूषित सम्मान पत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। समारोह में विश्वकर्मा समाज से भरी संख्या में सामिल रहे।